रात की गहरी खामोशियों में
याद आते हैं कुछ बीते लम्हे,
मोहब्बत में डूबे कुछ नाज़ुक पल
आहिस्ता जागती ख़ुशी का एक एहसास...
मन देखे फिर
उस अधूरे मौसम का ख़्वाब
और जी लेती है ज़िन्दगी
उन यादों की बारिश में...
आज तुम ना हो तो क्या
अब तन्हाई भी तो नहीं रही...